Supreme court में बड़ा दांव! क्या अब दिल्ली-NCR में चल सकेंगे 15 साल पुराने वाहन?

Supreme court में बड़ा दांव! क्या अब दिल्ली-NCR में चल सकेंगे 15 साल पुराने वाहन?

दिल्ली-NCR के लाखों वाहन मालिकों की नजर आज Supreme court पर टिकी हुई है। कारण? एक ऐसी सुनवाई, जो पुराने वाहनों की किस्मत बदल सकती है। भाजपा सरकार ने जनता के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है — और ये वो कदम है जिसकी उम्मीद किसी ने 6 महीने पहले तक नहीं की थी।

दिल्ली सरकार की नई पहल — उम्र नहीं, फिटनेस देखो!

दिल्ली सरकार ने Supreme court से 2018 के उस आदेश पर पुनर्विचार करने की अपील की है जिसमें 10 साल से पुराने डीज़ल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को बैन किया गया था। सरकार का कहना है कि वाहनों की फिटनेस, उम्र से कहीं ज्यादा मायने रखती है। अगर 5 साल पुराना वाहन भी ज्यादा प्रदूषण फैला रहा है तो उसे रोका जाना चाहिए, वहीं अगर 15 साल पुराना वाहन अच्छी हालत में है और कम प्रदूषण करता है तो उसे सड़कों पर चलने की इजाजत मिलनी चाहिए।

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80,000 वाहन हो चुके हैं स्क्रैप, अब उठी विरोध की आवाज़

सूत्रों की मानें तो भाजपा सरकार ने इस याचिका को इसलिए भी समर्थन दिया है क्योंकि पेट्रोल पंपों पर वाहन जब्त करने की कार्रवाई में सबसे ज्यादा मध्यम और निम्न वर्ग के लोग चपेट में आए। एक जुलाई से शुरू हुई इस कार्रवाई में अधिकतर दोपहिया वाहन पकड़े गए, जिससे आम लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।

BS-6 बनाम BS-4 – सरकार का तर्क

सरकार की दलील है कि BS-6 मानक वाले वाहन पुराने BS-4 वाहनों की तुलना में काफी कम प्रदूषण करते हैं। इसलिए सिर्फ उम्र के आधार पर प्रतिबंध लगाना न्यायसंगत नहीं है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से यह भी अपील की गई है कि वह केंद्र सरकार या वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को निर्देश दे कि वे 10 और 15 साल पुराने वाहनों के प्रभाव पर वैज्ञानिक अध्ययन कराएं।

NGT और Supreme court के पुराने आदेश क्या कहते हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में NGT के आदेश को मानते हुए निर्देश दिया था कि 10 साल से पुराने डीज़ल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को सड़कों पर नहीं चलने दिया जाएगा। साथ ही ऐसे वाहनों को जब्त करने के आदेश भी दिए गए थे। इससे पहले 2014 में NGT ने 15 साल से पुराने किसी भी वाहन को पब्लिक जगह पर खड़ा करने तक पर रोक लगाई थी।

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क्या कहता है जनता का दर्द?

जब 1 जुलाई से दिल्ली में पेट्रोल पंपों पर कार्रवाई शुरू हुई, तो आम लोगों की दिक्कतें खुलकर सामने आईं। तीन दिन की इस मुहिम में ज्यादातर जब्ती दोपहिया वाहनों की हुई, जिससे मध्यम वर्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ। कई लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए इन पुराने वाहनों पर निर्भर हैं।

क्या Supreme court बदल सकता है ये फैसला?

अगर सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करता है और पुराने फैसले में संशोधन करता है, तो लाखों लोगों को राहत मिल सकती है। इस मामले की अगली सुनवाई पर अब सबकी निगाहें टिकी हैं।

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